पीएम मोदी का यह सपना पूरा करने के लिए जापानी सीख रहे भारतीय, एमडी तक अटेंड करते हैं क्लास
पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना के सपने को पूरा करने लगे इंजीनियरों को नए अनुभव से गुजरना पड़ रहा है. ये इंजीनियर नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के हैं. उन्हें ही भारत में बुलेट ट्रेन दौड़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके लिए उन्हें जापानी इंजीनियरों के साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. काम जल्दी और अच्छा सीखने के लिए वे जापानी सीख रहे हैं. इसीलिए आज आप कैसे हैं? और गुड मॉर्निंग भी जापानी में करते हैं-ओ जेनकी देसु का? ओ हाय यो गो मासू? भारत में 2022 तक बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य है.
शाम को काम खत्म करने के बाद होती है क्लास
हफ्ते में हर दूसरे दिन शाम को जापानी सीखने की क्लास लगती है. इसमें मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना से जुड़े इंजीनियर एकसाथ बैठते हैं और किताब से दुनिया की नवीं सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा जापानी सीखते हैं. हालांकि जापानी सीखना उतना आसान नहीं है लेकिन इंजीनियरों इस भाषा को सीखने को लेकर काफी उत्साहित हैं. हेडक्वार्टर में यह भाषा सीखने वालों में कंपनी के एमडी से लेकर ऑफिस स्टाफ तक शामिल हैं. जो लोग अहमदाबाद, सूरत, वड़ोदरा और मुंबई में हैं वे वीडियो लिंक से संपर्क साधते हैं. सख्ती इतनी है कि किसी को भी क्लास बंक करने की इजाजत नहीं है.
हफ्ते में हर दूसरे दिन शाम को जापानी सीखने की क्लास लगती है. इसमें मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना से जुड़े इंजीनियर एकसाथ बैठते हैं और किताब से दुनिया की नवीं सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा जापानी सीखते हैं. हालांकि जापानी सीखना उतना आसान नहीं है लेकिन इंजीनियरों इस भाषा को सीखने को लेकर काफी उत्साहित हैं. हेडक्वार्टर में यह भाषा सीखने वालों में कंपनी के एमडी से लेकर ऑफिस स्टाफ तक शामिल हैं. जो लोग अहमदाबाद, सूरत, वड़ोदरा और मुंबई में हैं वे वीडियो लिंक से संपर्क साधते हैं. सख्ती इतनी है कि किसी को भी क्लास बंक करने की इजाजत नहीं है.
जापान की ऑफिशियल टेक्स्ट बुक से सीख रहे भाषा
जो किताबें पढ़ाई जा रही हैं उनमें मारूगोटो मुख्य पुस्तक है. इसमें जापानी भाषा और संस्कृति के बारे में बताया गया है. यह किताब जापान फाउंडेशन ने तैयार की है और इसमें जापानी भाषा की गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा गया है. इस कोर्स बुक में ज्यादा जोर जापानी बोलने और उसे समझने के साथ-साथ संस्कृति के प्रति सम्मान प्रकट करने पर है. इंडियन एक्सप्रेस ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि भारत में सिर्फ हाई-स्पीड ट्रेन का हार्डवेयर सिस्टम नहीं लाया जा रहा बल्कि जिस देश में यह ट्रेन सबसे ज्यादा चलती है वहां की संस्कृति की समझ भी विकसित कराई जा रही है. सभी को भाषा सीखनी ही सीखनी है, फेल होने का कोई चांस नहीं है. जो नहीं सीख पाएगा वह ट्रेनिंग लेने के लिए जापान जाने के अवसर से चूक जाएगा.
अक्तूबर में जापान जाएंगे भारतीय इंजीनियर
एनएचएसआरसीएल के एमडी अचल खरे ने बताया कि इस भाषा को सीखने के दो स्तर हैं-लेवल 1 और लेवल 2. लेवल 2 थोड़ा कठिन है. हमसे आपस में बातचीत भी जापानी में करने की ताकीद की गई है. भारतीय इंजीनियरों को इस साल अक्तूबर से बारी-बारी से जापान ट्रेनिंग लेने के लिए भेजा जाएगा. बुलेट ट्रेन परियोजना से करीब 3000 भारतीय इंजीनियर व टेक्निशियन जुड़ेंगे, जिन पर ट्रेन दौड़ाने से लेकर उसके रखरखाव की जिम्मेदारी होगी.
एनएचएसआरसीएल के एमडी अचल खरे ने बताया कि इस भाषा को सीखने के दो स्तर हैं-लेवल 1 और लेवल 2. लेवल 2 थोड़ा कठिन है. हमसे आपस में बातचीत भी जापानी में करने की ताकीद की गई है. भारतीय इंजीनियरों को इस साल अक्तूबर से बारी-बारी से जापान ट्रेनिंग लेने के लिए भेजा जाएगा. बुलेट ट्रेन परियोजना से करीब 3000 भारतीय इंजीनियर व टेक्निशियन जुड़ेंगे, जिन पर ट्रेन दौड़ाने से लेकर उसके रखरखाव की जिम्मेदारी होगी.