डिजिटल इंडिया से इसलिए भाग रहीं कंपनियां, एक्सपर्ट ने बताई वजह
बुनियादी ढांचे की कमी के कारण भारतीय कंपनियां डिजिटलीकरण को अपनाने में पीछे हैं. विशेषज्ञों ने यह राय व्यक्त की है. यह स्थिति तब है जबकि ज्यादातर प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण और समाधान भारत में विकसित किए जा रहे हैं. एसपी जैन स्कूल आफ ग्लोबल मैनेजमेंट में लॉजिस्टिक्स एवं आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के प्रोफेसर और ग्लोबल एमबीए के प्रमुख डॉ राजीव असेरकर ने कहा, ‘‘लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भारत में प्रौद्योगिकी लैब स्थापित की हैं. यह कुछ ऐसी स्थिति है कि प्रौद्योगिकी समाधान का विकास भारत में हो रहा है जबकि इनका इस्तेमाल दुनिया में अन्य देशों के लोग कर रहे हैं.’’
वैश्विक प्रबंधन सलाहकार कंपनी एक्सेंचर के प्रबंध निदेशक साइरिल वित्जास ने कहा कि भारत बदलाव लाने वाली प्रौद्योगिकियों के प्रबंधन को लेकर बेहतर स्थिति में है. भारत के पास युवा प्रतिभाएं हैं जो नवोन्मेषण और स्टार्ट अप्स के जरिये नए विचारों को आगे बढ़ा रही हैं. एक्सेंचर स्ट्रैटिजी का बेंगलुरु में विशिष्टता केंद्र है.
विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर नवोन्मेषण और समाधान भारत में बनी प्रयोगशालाओं से आ रहे हैं. ऐसे में भारतीय कंपनियां डिजिटल प्रौद्योगिकी को तेजी से कम लागत में अपनाने को लेकर लाभ की स्थिति में हैं. असेरकर कहते हैं कि अभी तक भारतीय कंपनियां ढांचे की कमी की वजह से डिजिटलीकरण को अपनाने में पीछे हैं.